19 खरब 50 अरब 40 करोड़ का सालाना व्यापार बस हम सब को बीमार बनाने के लिऐ हो रहा है

19 खरब 50 अरब 40 करोड़ का सालाना व्यापार बस हम सब को बीमार बनाने के लिऐ हो रहा है। नहीं विश्वास हो रहा ना इस अणपढ़ जाट की बात पर तो ये लेख ध्यान से पढ़णा:-

बौद्धिक लड़ाई ना एक दिन में लड़ी जाती और ना जीती जाती, इस के लिए तो सैकड़ों साल लगते हैं और पीढियाँ की पीढियाँ खप जाती हैं। एक बौद्धिक लड़ाई है जैविक कृषि बनाम रसायनिक कृषि और अंत में विजय जैविक खेती की ही होनी है कंपनियां चाहे जो मर्जी कर लें।

वर्मीवाश एक तरल जैविक खाद

वर्मीवाश

बनाने की प्रक्रिया:- वर्मीवाश इकाई बड़े बैरल/ड्रम, बड़ी बाल्टी या मिट्टी के घड़े का प्रयोग करके स्थापित की जा सकती है। प्लास्टिक, लोहे या सीमेन्ट के बैरल प्रयोग किये जा सकते हैं जिसका एक सिरा बन्द हो और एक सिरा खुला हो। सीमेंट का बड़ा पाईप भी प्रयोग किया जा सकता है। इस पाईप को एक ऊंचे आधार पर खड़ा रखकर नीचे की तरफ से बंद करें। नीचे की तरफ आधार के पास साईड में छेद (1 इंच चौड़ा) करें। इस छेद में टी पाईप डालकर वाशर की मदद से सील करें। अंदर की ओर आधा इंच पाईप रखें तथा बाहर इतना कि नीचे बर्तन आसानी से रखा जा सके। बाहर टी पाईप के छेद में नल फिट करें तथा दूसरे छेद में नट लगायें जो

बीजोपचार का कृषि मे महत्व

BeejUpchar, बीजउपचार

कृषि क्षेत्र की प्राथमिकता उत्पादकता को बनाये रखने तथा बढ़ाने मे बीज का महत्वपूर्ण स्थान है। उत्पादकता बढ़ाने के लिए उत्तम बीज का होना अनिवार्य है। उत्तम बीजों के चुनाव के बाद उनका उचित बीजोपचार भी जरूरी है क्यों कि बहुत से रोग बीजो से फैलते है। अतः रोग जनको, कीटों एवं असामान्य परिस्थितियों से बीज को बचाने के लिए बीजोपचार एक महत्वपूर्ण उपाय है।

बीजोपचार के लाभ

बोने से पहले ही आप पानी और नमक के घोल से पता कर सकते हैं कि बीज खराब या अच्छा।

अक्सर आपने देखा होगा कि आप बीज बाजार से खरीद कर लाएं और खेती में बो दिया। अब फसल तैयार होने के बाद पता चला कि कहीं पर फसल ज्यादा आई और कहीं पर कम। ऐसे में आमतौर पर आप किस्मत को ही दोष देते हैं। जबकि इसमें आपके ज्ञान की कमी ही असली कारण हैं। या यूं कहें कि आप बाजार से बीज लेकर आए, लेकिन दुकानदार ने बीज खराब दे दिया।

बोने से पहले ही आप पानी और नमक के घोल से पता कर सकते हैं कि बीज खराब या अच्छा।

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